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Indian Journal of Modern Research and Reviews, 2024;2(5):46-48

महर्षि वेद व्यास का शिक्षा दर्शन

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वेदव्यास जी का शैक्षिक दर्शन अत्यन्त व्यापक, गहन और जीवनमूल्य आधारित है। उन्होने ज्ञान को केवल पुस्तकीय विषय न मानकर, जीवन जीने की कला और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग बताया। उनके दर्शन का उद्देश्य था- ‘‘सर्वे भवन्तु सुखिन’’ अर्थात समस्त मानव समाज का कल्याण। निश्चित ही महर्षि वेदव्यास का दर्शन विश्व के महान दार्शनिकों एवं शिक्षा दर्शन में सर्वोपरि है।
शोधकत्र्री ने अपने शोध के निष्कर्ष रुप में पाया कि वेदव्यास जी का शैक्षिक दर्शन केवल प्राचीन भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि वह आज के शिक्षाविदों, शिक्षकों, छात्रों और नीति-निर्माताओं के लिए एक मार्गदर्शक की भूमिका निभा सकता है। उनकी शिक्षाऐं वर्तमान शिक्षा प्रणाली को नैतिक, आत्मिक और सामजिक रुप से समृद्ध बनाने मे मददगार हो रही है।
 

Keywords

महर्षि वेद व्यासः भारतीय संस्कृति के एक महान ऋषि जिन्होने शिक्षा, साहित्य और धर्म के क्षेत्र में अत्यतं महत्वपूर्ण योगदान दिया।